By Nisha Singh
'नम्मा अंगदी' (हमारी दुकान) एक पारिवारिक परंपरा की भावना रखते हुए ग्राहक ‘श्री वेंकटेश्वरा स्वीटमीट् स्टॉल’ आते हैं और नई किस्मों की मिठाइयों के साथ सारे त्यौहार का खुशी से आनंद लेते हैं|
इस दुकान की शुरुआत एन.रघु के दादाजी ने साइकिल पर घर-घर मैसूर पाक बेचकर की| लोगों ने उनके द्वारा बनाई मिठाइयों को इतना पसंद किया और इतना प्यार दिया कि उन्होंने चिकबल्लापुर से एक दुकान शुरू करने का फैसला किया| और अब अंतराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित यह मिष्ठान दुकान ‘श्री वेंकटेश्वरा स्वीटमीट् स्टॉल’ बेंगलुरु के चिकपेट नगर में स्थित है| यहां मैसूर पाक, बादाम हलवा, और डमरोट उच्चतम श्रेणी में बेचे जाते हैं| उनके मैसूर पाक दुनियाभर में प्रसिद्ध है|
100 साल पुरानी इस दुकान को तीसरी पीढ़ी संभाल रही है और इस काम को एन.रघु आगे बढ़ा रहे है| सालों बाद भी इनके मिठाइयों में वही स्वाद है|
बदलते स्वाद से रुचि बनाए रखना
लोगों के बदलते स्वाद को ध्यान में रखते हुए, इनकी अगली योजना है अगले स्तर की मिठाइयों से ग्राहक को परिचित करवाना उनमें से कुछ उदाहरण है:-
‘कैरेमल ड्राई फ्रूट गुजिया’, ‘काजू कॉफी क्रंच’, ‘मैंगो दिलाइट’ इत्यादि| जल्द ही एन.रघु अपने ग्राहकों को अन्य प्रकार की मिठाइयों से भी परिचित करवाएंगे|
श्री रघु सुनिश्चित करते हैं कि इनके द्वारा बनाई गई मिठाई को प्रयोगशाला में जांच के लिए भी भेजा जाता है और स्वच्छता का भी ध्यान रखते हैं|मिठाई की गुणवत्ता की जांच के लिए, श्री रघु कहते हैं कि उनके पास नियमित रूप से चेक करने के लिए खाद्य तकनीशियन आते हैं| दुकान में हर दिन दर्जनों ग्राहक आते हैं और तीन से चार बड़ी मात्रा में आर्डर प्रदान करते हैं| इनके पास कई नियमित विदेशी ग्राहक भी है जो हर बार भारत आने के दौरान स्टोर पर जाते हैं|
दुकान के पीछे एक चार मंजिला रसोई स्थित है जिनमें से एक मंजिलें में सिर्फ मैसूर पाक तैयार की जाती है और हर 15 मिनट में ग्राहकों के लिए ताजा गर्म-गर्म मैसूर पाक परोसा जाता है| यह मिष्ठान दुकान लोगों के लिए बहुत ही खास बन चुकी| और ग्राहक प्रति आभार के साथ यहां आते हैं|
यह मिष्ठान दुकान बाहर से जितनी सुंदर है अंदर से उतने ही कर्मचारियों की मेहनत भी है, करीबन 100 से अधिक कर्मचारी जिन्होंने अपने परिश्रम से इसे इतना आगे बढ़ाया और लोगों के दिलों में खास जगह बना ली| एन.रघु बताते हैं "हम कर्मचारियों के साथ परिवार जैसे व्यवहार करते हैं ताकि वह सहज महसूस करें"|
इनके पुराने ग्राहक ‘मिस ममथा’ से बातचीत के दौरान कहती है "5 साल की उम्र से अपने माता-पिता के साथ अपनी पसंदीदा मैसूर पाक इसी मिष्ठान दुकान से लेकर जाती थी और अब 40 वर्ष से अधिक हो गए हैं अभी भी अपने बच्चों के साथ इस स्थान पर जाती हूं"| श्री रघु ने कहा कि वह गुणवत्ता पर समझौता किए बिना इस मिष्ठान दुकान को अधिक ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं और आगे बढ़ाते रहना चाहते हैं।